सामाजिक कार्यकर्ता अतुल शिलवंत ने एमआरटीपी की धारा 53(1) के तहत डेवलपर अनीश मेहता के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सिडको को लिखा पत्र
पनवेल, दि. २५: १६ जून २०२३ को, वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता अतुल शिलवंत ने नेरे ग्रामस्थित महालक्ष्मी नगर कॉम्प्लेक्स आवासीय परिसर के प्रवेश द्वार से सटीक एक शॉपिंग मॉल के अनधिकृत निर्माण के संबंध में सिडको के उपाध्यक्ष और प्रबंध निदेशक अनिल डिग्गिकर के पास एक लिखित शिकायत दर्ज की। लगभग 800 घरों के इस विशाल आवासीय कॉम्प्लेक्स में प्रवेश के लिए सिर्फ ९ फीट चौड़ी सड़क है। बिल्डर अनीश मेहता के महालक्ष्मी डेवलपर्स ने मूल रूप से स्वीकृत योजना के अनुसार प्रवेश द्वार के बगल में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स का निर्माण नहीं किया है। ईसी कारण यहां के नागरिकों को नर्क यातनाओ का सामना करना पड़ रहा था। इस संबंध में महालक्ष्मी नगर के कुछ जागरूक निवासियों ने सामाजिक कार्यकर्ता अतुल शिलवंत से इस मामले पर ध्यान देने का अनुरोध किया। इसी पृष्ठभूमि में शिलवंत ने उक्त निर्माण पर कार्रवाई के इरादे से सिडको प्रशासन से पत्र व्यवहार शुरू किया।
इससे पहले साल २०२० में महाराष्ट्र वार्ता की ‘आपकी समस्या’ टीम ने खबर प्रसारित कर प्रशासन का ध्यान इस समस्या की ओर आकर्षित करने की कोशिश की थी। लेकिन, कोविड काल में सिडको प्रशासन ने इस पर ध्यान नहीं दिया। लेकिन अब जब लिखित शिकायत दर्ज कराई गई है तो प्रशासन को इस पर जरूर संज्ञान लेना होगा। इस बारे में जानकारी देते हुए सामाजिक कार्यकर्ता अतुल शिलवंत ने कहा, “मुझे पिछले कुछ समय से महालक्ष्मी नगर और इस डेवलपर्स से जुड़ी कई शिकायतें मिल रही थीं। आखिरकार संबंधित दस्तावेजों का अध्ययन करने के बाद बिल्डर अनीश मेहता की करतूतो पर प्रकाश पडा।” “अगर भविष्य में इस आवासीय परिसर में कोई प्राकृतिक आपदा आती है या आग लगती है, तो फायर ब्रिगेड की गाड़ियों को इतने छोटे रास्ते से प्रवेश करना असंभव होगा। ऐसे में जानमाल के नुकसान की बहुत अधिक संभावना है।” शिलवंत ने आगे कहा, “जब मैंने खुद आकर उस जगह का निरीक्षण किया, तो मुझे एहसास हुआ कि परिसर में प्रवेश करने के लिए इस मुख्य प्रवेश द्वार से एक समय में केवल एक चार पहिया वाहन ही प्रवेश कर सकता है। आखिरकार, १६ जून, २०२३ को हमने इसके खिलाफ शिकायत दर्ज की।” यह अवैध निर्माण महालक्ष्मी नगर शॉपिंग मॉल से संबंधित है, जो सड़क को अवरुद्ध कर रहा है। इस विषय में महाराष्ट्र क्षेत्रीय और नगर नियोजन अधिनियम (एमआरटीपी) की धारा 53 (1) के अनुसार तत्काल कार्रवाई करने के संबंध में सिडको प्रशासन को एक लिखित पत्र दिया गया है।
महालक्ष्मी नगर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स के पास, इस डेवलपर ने कलेक्टर द्वारा स्वीकृत योजना के अनुसार निर्माण किए बिना उसी साइट से सटे गवते नामक भूमि मालिक को असकी जमीन खरीदने का झूठा वादा किया और कुछ वर्षों तक इसका इस्तेमाल किया। आख़िरकार 7 साल पहले गवते जी ने कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और खुदकी ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया। कानून के मुताबिक यह उनकी अपनी संपत्ति है और वे वहां कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र हैं। मूल रूप से, सिडको नैना प्राधिकरण को इस तथ्य पर ध्यान देना चाहिए कि इतने बड़े परिसर में प्रवेश करने के लिए सड़क छोटी है और डेवलपर द्वारा किए गए अवैध निर्माण को ध्वस्त कर स्वीकृत योजना के अनुसार सड़क को खोलना चाहिए। महाराष्ट्र वार्ता टीम की नजर में पिछले कई वर्षों से इस विभाग के नागरिकों की समस्याओं को प्रस्तुत करते समय प्रशासन की अकर्मण्यता को शिद्दत से महसूस किया गया। इसमें कोई संदेह नहीं है कि अगर महालक्ष्मी नगर परिसर में सड़क की यह समस्या हल हो गई तो यहां घरों की कीमतें निश्चित रूप से 25 से 30 प्रतिशत तक बढ़ जाएंगी। महालक्ष्मी डेवलपर द्वारा स्विमिंग पूल समेत किए गए अन्य वादे हवा में छोड़ दिए गए हैं। महालक्ष्मी नगर डेवलपर्स से अपेक्षा की गई थी कि वे नियमों के अनुसार घर के मालिकों को कन्वेयंस डीड करा देंगे। लेकिन उन्होंने अभी तक इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है। डेवलपर अनीश मेहता के बेशर्म रवैय्ये का हर्जाना महालक्ष्मी नगर सहित नेरे के ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है।
यदि आपके पास प्रदूषण, अवैध निर्माण, डेवलपर्स द्वारा धोखाधड़ी, सरकारी देरी और वित्तीय घोटालों से संबंधित कोई शिकायत है, तो आप महाराष्ट्र वार्ता . डॉट कॉम की ‘आपकी समस्या’ टीम को व्हाट्सएप नंबर 88503 03463 पर और news@maharashtravarta.com पर ईमेल करके प्रूफ के साथ जानकारी प्रदान कर सकते हैं।