Breaking News

महाराष्ट्र वार्ता च्या ‘आपली समस्या’ टीम ला 8850303463 वर व्हाट्सअप्प द्वारे संपर्क साधा | WhatsApp Maharashtra Varta’s ‘Aapli Samasya’ Team on 8850303463

Fraud: बैंगलोर के एस. वासुदेवन(S. Vasudevan) के ओजोन समूह(Ozone Group) ने ग्राहकों के साथ करोड़ों का धोखा किया

डेवलपर की गैरजिम्मेदारी के चलते आम उपभोक्ता चिंता में; सिबिल स्कोर पर भी पड रहा है बडा असर

आज के समय में एक ईमानदार बिल्डर मिलना बहुत मुश्किल है और अगर आपके भाग्य में हेरफेर करने वाला बिल्डर आता है, तो सारा प्रबंधन भगवान के हाथ छोडना चाहिए। जून २०२१ के मध्य में, पुणे में रहने वाले पांच पीड़ित नागरिकों ने महाराष्ट्र वार्ता की ‘आपली समस्या’ टीम से संपर्क किया और बैंगलोर में डेवलपर ओजोन समूह(Ozone Group, Bengaluru) द्वारा किए गए धोखाधड़ी के बारे में उन्हें सूचित करके इस मामले में उनकी मदद मांगी। २०१५ में पुणे में रहने वाले क्रमश: अनीश धर्माधिकारी, गिरीश सोनार, छाया यार्दी, सुहास मुळे और संतान जॉन डिसूजा ने इस बिल्डर के कर्नाटक राज्य के बेंगलुरू, देवनहल्लीस्थित ‘ओझोन अर्बाना’ नामक रिहायशी प्रोजेक्ट में तकरीबन ६० लाख मूल्य के ५ घर १० टक्का रकम देके बुक किये थे. इस समय, डेवलपर (S. Vasudevan) ने २०१८ तक फ्लैटों का कब्जा देने का लिखित रूप में वादा किया था। इस अवधि के दौरान, विकासकर्ता को सबवेंशन योजना के तहत शेष ९०% राशि के लिए इन पांच व्यक्तियों के नाम पर इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड से ऋण प्राप्त हुआ और कम समय में सभी पैसे उसके खाते में स्थानांतरित कर दिए गए। सिर्फ 10:80:10 % के केवल तीन चरणों में। इस बीच डेवलपर इन सभी की प्री-ईएमआई चुका रहा था। हालांकि, डेवलपर ने २०१८ में घरों का कब्जा देने का अपना वादा पूरा नहीं किया। आखिरकार, सभी पांचों ने ओजोन समूह(Ozone Group) से ईमेल और पत्र के माध्यम से अपनी बुकिंग रद्द करने का अनुरोध किया। तब डेवलपर से पांच ग्राहकों के पूरे रकम के ब्याज के साथ प्रतिपूर्ति की उम्मीद की गई थी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

इस दौरान, इन पीड़ित लोगों ने बार-बार डेवलपर से उसके नाम पर ऋण हस्तांतरित करने और अपनी १०% प्रतिशत राशि वापस पाने के लिए संपर्क किया। हालांकि, ओजोन समूह के तरफ से सिर्फ ऊपरी तौर से जवाब मिलने लगे। ऐसे ही २ साल बीत गए। वैश्विक महामारी वर्ष २०२० में चरम पर थी और इस बीच ओजोन समूह(Ozone Group) ने इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस(IndiaBulls Housing Finance Limited) के प्री-ईएमआई हफ़्तों का भुगतान करना बंद कर दिया और यहीं सब रायता फैलना शुरू हो गया! बैंक हफ्तों की थकान के बाद इन सभी पांचों परेशान ग्राहकों को बैंक से वसूली के लिए फोन, ईमेल और पत्र मिलने लगे। कर्ज नहीं चुकाने पर कानूनी कार्रवाई की भी आशंका थी। इस अवधि के दौरान डेवलपर द्वारा अपने हाथ झटकने के बाद, इन पांचों ने अंततः महाराष्ट्र वार्ता की आपकी समस्या टीम से सीधे मदद मांगी। फिर उन्होंने एक थर्ड पार्टी कंसल्टेंट कंपनी टाइम एंड टाइड से तकनीकी और कानूनी मदद मांगी और बैंगलोर की इस डेवलपर से संपर्क किया। अंत में, उसने गिरीश सोनार, छाया यार्दी, सुहास मुले और संतान जॉन डिसूजा के फ्लैटों में निवेश किए गए धन का १०% प्रतिशत रकम का भुकतान धीरे-धीरे के दिया। शुरुवात में तो ओजोन समूह(Ozone Group) द्वारा शुरू में जारी किए गए चेक को भी बाउंस हो गए थे। लेकिन अंत में उन्हें हार माननी पड़ी। हालांकि, उन्होंने अनीश धर्माधिकारी के पैसे का अबतक आधा ही भुकतान किया है। आज परिवार में उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं के मद्देनजर वे थक गए हैं; डेवलपर से बार-बार गुहार लगाने के बावजूद पैसे का भुगतान नहीं हो रहा हैं। सभी पांचों को अभी तक मुआवजा भी नहीं दिया गया है और ओजोन समूह की ओर से इस बारे में कोई बात भी नहीं निकली है। वहीं इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस के कर्ज की सिर पर लटकी तलवार उन्हें चैन की नींद नहीं सोने देती.

महाराष्ट्र वार्ता की आपकी समस्या टीम ने ओजोन ग्रुप(Ozone Group) के मुख्य प्रमोटर डॉ. एस. वासुदेवन(Dr. S. Vasudevan) और ओजोन के सीईओ भास्करन(Baaskaran) सके सीधे संपर्क करने की कोशिश की पर वो सामने आ नही रहे है। ओजोन समूह की रिधिका(Ridhika ( और दिव्या अय्यर(Divya Iyyar) की ओर से एकमात्र प्रतिक्रिया यह है कि हम इन ग्राहकों के पूरे पैसे चुकाने और ऋण के मुद्दे को निपटाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, अभी ऐसा होता नहीं दिख रहा है। उन्होंने हाल ही में जनवरी २०२२ के पहले सप्ताह में अनीश धर्माधिकारी के बकाया राशि का भुगतान करने के अपने वादे से मुकरकर मार्च २०२२ तक भुगतान करने की नई तारीख दी है। बैंगलोरस्थित ओजोन समूह के बारे में और गहराई में जानने के बाद, यह पता चला कि महाराष्ट्र सहित दक्षिणी राज्यों में सैकड़ों उपभोक्ता-निवेशकों को अभी तक उनके घरों का कब्जा नहीं मिला है और न ही उनका पैसा वापस मिला है। इसके अलावा, इंडिया बुल्स हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड, एचडीएफसी बैंक जैसे और अन्य बैंक का कर्ज का भूत इन ग्राहकों के सर से हटने का नाम नहीं ले रहा हैं। पिछले महीने दिसंबर २०२१ में इसी कारण १७ ग्राहकों ने एक साथ आकर ओजोन ग्रुप(Ozone Group) और उसके प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. मुख्य शिकायतकर्ता मोहित शर्मा ने ओजोन अरबाना(Ozone Urbana) इस रिहायशी परियोजना में करीब एक करोड़ रुपये का मकान बुक कराया था और अब उसे बिल्डर की गलती का हर्जाना चुकाना पड़ रहा है. उन्होंने भी अब तक प्री-ईएमआई के रूप में लगभग २० लाख रुपये तक का भुगतान किया है और फिर भी उन्हें और उनके जैसे १६ अन्य संकटग्रस्त ग्राहकों को घरों का कब्जा नहीं मिला है।

देश भर के कई लोगों ने अपना पूरे जीवन की जमा पूंजी ५००० हजार घरों की इस परियोजना में लगा दि है, जिसमें बड़ी संख्या में वरिष्ठ सेवानिवृत्त नागरिक भी शामिल हैं। इसके अलावा, बिल्डर की प्री-ईएमआई योजना के कारण सबके सिबिल(CIBIL) स्कोर को भी छती पहुंची है। फिलहाल कोई भी वित्तीय संस्थान उन्हें कर्ज देने को तैयार नहीं है। ऐसे में उन्हें इस बात की चिंता सता रही है कि भविष्य में उनका क्या होगा। ओजोन अरबाना(Ozone Urbana) की कई इमारतों को अभी तक अधिभोग प्रमाणपत्र(Occupancy Certificate) नहीं मिला है, जिसके चलते निवासियों को बिजली और पानी तक की जीवनावश्यक सेवाओं का लाभ लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बेंगलुरु स्थित वरिष्ठ पत्रकार एस. ललिता ने हाल ही में एक खबर द्वारा इस विषय पर प्रकाश डाला है। इस पार्श्वभूमिपर, यह सवाल उठता है कि राज्य-दर-राज्य के रेरा प्राधिकरण के होते हुए भी डॉ. एस. वासुदेवन S. Vasudevan/ओजोन ग्रुप Ozone Group जैसे डेवलपर्स द्वारा अक्सर लोगों को धोखा दिया जाता है। अगर ये सब ऐसे ही चलना है तो रेरा प्राधिकरण की क्या आवश्यकता है? अब समय आ गया है कि केंद्र और राज्य सरकारें इस पर गंभीरता से विचार करें।

उपभोक्ताओं के इस दुष्चक्र में फंसने का मुख्य कारण कम निवेश में बड़ा मुनाफा कमाने का लालच है!

उपभोक्ताओं के इस दुष्चक्र में फंसने का मुख्य कारण कम निवेश में बड़ा मुनाफा कमाने का लालच है! लोग बिना किसी सोच विचार-पुछताछ के रियल एस्टेट दलालों और बिल्डरों के बिक्री प्रतिनिधियों के झाँसे में आके ऐसे जगहों पर अपनी मेहनत की कमाई निवेश कर देते हैं। बिल्डर्स शानदार कार्यालयों और विशाल सैम्पल फ्लैटों के बड़े दिखावे करने में माहिर हैं। इसके अलावा, Google, Facebook, Twitter, Instagram और बड़े-छोटे समाचार पत्र लगातार उपभोक्ताओं को विज्ञापनों से प्रभावित करते रहते हैं। चूंकि एजेंटों को उच्च कमीशन मिलता है, इसलिए उनके तरफ से ग्राहक को भविष्य के खतरों के बारे में चेतावनी देने का कोई सवाल ही नहीं है। आखिरकार, जब हाउसिंग प्रोजेक्ट में जिन घरों के लिए आपने पैसा लगाया है, उनका कब्जा मिलने में बहुत देर हो जाती है, तो दिन में तारे दिखाई देने लगते है। डेवलपर इस दरम्यान “कस्मे वादे प्यार वफ़ा सब बाते है बातों का क्या?” अप्रत्यक्ष रूप से यही बात कहता है और इन पीड़ित ग्राहकों के सामने ‘आज देता हूँ..कल देता हूँ’ की रट पढ़ता रहता है। फिर आखिर में इन्हें न्याय के लिए रेरा प्राधिकरण(RERA), पुलिस प्रशासन आदि से अपील करनी पड़ती हैं। चूंकि डेवलपर्स एक स्मार्ट जमात हैं, वे ऐसे मामलों में मुद्दों को ‘मैनेज’ करके आगे के खेल खेलने की लिए समय की लंबाई बढ़ाते रहते है|

साधारणतः कानून की जानकारी न होने से निराश आम उपभोक्ता अक्सर अपनी जीवन भर की कमाई पर आखिर में पानी छोड़ देते हैं। हालांकि, ऐसे मामलों में, सक्षम प्राधिकरण ऐसे प्रोजेक्ट्स को किसी अन्य डेवलपर को हस्तांतरित करके उन्हें न्याय दिला सकता है ये उनके जहन में भी नहीं होता। मुम्बई के एसआरए(SRA) और म्हाडा(MHADA) प्रशासन ने सक्षम डेवलपर्स के माध्यम से कई जीर्ण-शीर्ण निजी परियोजनाओं को पहले ही पूरा कर लिया है। अगर सरकार ने समय पर ध्यान दिया तो ऐसे मामलों में न्याय मिलना कोई मुश्किल बात नहीं है, बस इसके लिए ईमानदारी से प्रयास करने और अनुवर्ती करवाई की आवश्यकता है। एक माध्यम के रूप में, महाराष्ट्र वार्ता टीम इन संकटग्रस्त ग्राहकों के साथ मजबूती से खड़ी है। आने वाले समय में एस. वासुदेवन(S. Vasudevan) और ओजोन ग्रुप(Ozone Group) के प्रबंधन के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराएंगे।

पाठक अगली रिपोर्ट में मुंबई में ओजोन समूह की अन्य परियोजनाओं के बारे में अधिक जान सकेंगे।

यदि आपको अनधिकृत निर्माण, डेवलपर्स से धोखाधड़ी, सरकारी देरी और वित्तीय घोटालों के बारे में कोई शिकायत है, तो आप महाराष्ट्र वार्ता डॉट कॉम की ‘आपकी समस्या’ टीम को 88503 03463 पर व्हाट्सएप और news@maharashtravarta.com पर ईमेल द्वारा संपर्क कर सकते हैं।

ताज्या घडामोडींसाठी फेसबुक पेज ला लाईक करा

Facebook Pagelike Widget

Recommended For You

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *